मद्रास हाई कोर्ट (Madras high court) में प्रश्न उठाया गया है कि लिव-इन रिलेशन (Live in relation) में रहने वाली महिला को उस व्यक्ति की मौत के बाद उसके रिटायरमेंट के बाद फायदों का अधिकार है या नहीं.
बाद में सुशीला की मौत हो गई और कलियापेरुमल ने मलारकोडि को 2015 में अपना कानूनी उत्तराधिकारी बनाने के लिए आवेदन किया. इसके लिए उनके बेटे और बेटियां सहमत थे. विद्युत निगम द्वारा इस संबंध में संशोधन किये जाने से पहले ही उसी साल कलियापेरुमल की भी मृत्यु हो गई लेकिन कोई फैसला नहीं किया गया. इसलिए मलारकोडि की ओर से यह रिट याचिका दाखिल की गई है.
चीफ जस्टिस के सामने रखा जाएगा मामला
जस्टिस एस वैद्यनाथन के सामने याचिका हाल ही में सुनवाई के लिए आई और उन्होंने अंतिम निर्णय के लिए मामले को वृहद पीठ को भेजने का फैसला किया. रजिस्ट्री को निर्देश दिया गया है कि चीफ जस्टिस के सामने इस मामले को रखा जाए ताकि पीठ का गठन हो सके.
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